000 00578nam a2200193Ia 4500
008 120809s9999 xx 000 0 und d
020 _a
080 _a891.437
080 _bका121श्रे
100 _aकाका हाथरसी एवं शरण, गिरीराज
245 _aश्रेष्ठ हास्य-व्यंग्यः निबन्ध
260 _aदिल्ली
260 _bप्रभात प्रकासन
260 _c1981
300 _a175पृ.
942 _2udc
942 _cHB
901 _aHL222
999 _c93514
_d93514