000 00585nam a22001337a 4500
003 IARI
080 _a891.433.1
_bपा276आ
100 _aपाटशाणी, प्रसन्न
245 _aआकाश के कटघरे में सूरज की जिरह
_cप्रसन्न पाटशाणी एवं हिन्दी रूपांतर शंकर लाल पुरोहित
260 _aभुवनेश्वर
_bविश्व्मुक्ति
_c2010
300 _a80 पृष्ठ
901 _aHL-5999
942 _2udc
_cHB
999 _c264828
_d264828